आज पूरे देश के लिए बहुत गर्व का दिन है. भारतीय वायुसेना का 88वा स्थापना दिवस है. वायुसेना आज धूमधाम से अपना स्थापना दिवस मना रही है. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. इस बार एयरफोर्स के बेड़े में राफेल को भी शामिल किया गया है. इस साल राफेल के अलावा परेड में हिस्सा लेने वाले फाइटर जेट्स में सुखोई-30, जगुआर, मिराज 2000, मिग -29, मिग -21 बाइसन और तेजस शामिल हैं. फ्लाईपास्ट के दौरान विभिन्न संरचनाओं में उड़ने वाले परिवहन विमानों में सी -17 हैवी लिफ्टर और सी-130 विशेष ऑपरेशन एयरक्राफ्ट शामिल होंगे. फ्लाईपास्ट में चिनूक मल्टी-मिशन हेलिकॉप्टर, अपाचे हेलीकॉप्टर और एमआई -35 गनशिप भी होंगे.
उल्लेखनीय है कि राफेल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. दोहरे इंजन के साथ परमाणु संपन्न, हथियारों से लैस है. वायु सेना में औपचारिक रूप से 10 सितंबर को पांच राफेल लड़ाकू विमान शामिल किए गए थे. राफेल विमानों को सटीकता से हमला करने और वायु क्षेत्र में दबदबा कायम करने के लिए जाना जाता है. पांच राफेल विमान की पहली खेप 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आ गई थी. नवंबर तक चार से पांच और राफेल लड़ाकू विमानों के आने की संभावना है.
वायुसेना के स्थापना दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी वायुसेना के नाम एक बधाई सन्देश जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, “6 पायलट और 19 वायुसैनिकों के साथ 8 अक्टूबर, 1932 के दिन भारतीय वायुसेना का गठन हुआ था. आज हमारी वायुसेना दुनिया कि श्रेष्ठतम वायुसेनाओं में से एक है. एयर फोर्स डे पर भारतीय वायुसेना के सभी वीर योद्धाओं को बहुत-बहुत बधाई. आप न सिर्फ देश के आसमान को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि आपदा के समय मानवता की सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं.”
भारतीय वायुसेना के शौर्य और साहस की कहानी बहुत अद्भुत है. भारतीय वायुसेना का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को हुआ था. इसीलिए हर साल इसी दिन वायुसेना दिवस मनाया जाता है. इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी. और अब तक पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में अपना लोहा मनवा चुकी है.
भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायुसेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था. लेकिन स्वतंत्रता मिलने के तीन साल बाद 1950 में इसे हटा दिया गया था, तब से इसे भारतीय वायुसेना के नाम से ही जाना जाता है.
देश के आजाद होने के बाद से भारतीय वायुसेना चार युद्ध में शामिल हो चुकी है, जिनमें से तीन पाकिस्तान और एक चीन के खिलाफ लड़े गए. भारतीय वायुसेना के अन्य प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, बालाकोट एयर स्ट्राइक शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी सहयोग कर चुकी है.