सनातन धर्म में श्रावण के महीने को बहुत ही शुभ माना जाता है. कहते हैं इस पूरे महीने में पृथ्वी पर देवता भ्रमण करते हैं. इस माह में नियम कर्म से पूजा उपासना करना चाहिए. भगवान शिवजी को समर्पित इस महीने में भक्तगण दूर दूर स्थानों पर जाकर पवित्र ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करते हैं. श्रावण के सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का करने से मनोकामनाएं पूर्ण होतीं हैं. इस महीने में विशेषकर भक्त प्रत्येक सोमवार को व्रत भी करते हैं. जो भक्त सोलह सोमवार का व्रत करते हैं उन्हें भी श्रावण माह के प्रथम सोमवार से अपना व्रत प्रारम्भ करना चाहिए. श्रावन माह का पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा सोमवार 02 अगस्त, तीसरा सोमवार 09 अगस्त और चौथा सोमवार 16 अगस्त 2021 को पड़ रहा है. इसके अलावा भारत के बड़े हिस्से में श्रावण माह 15 दिन देरी से शुरू होता है. दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के अलावा कुछ और राज्यों में भी श्रावन की शुरुआत देरी से होती है. और हर जगह भक्तगण भगवान् भोलेनाथ को प्रसन्न करने लिए पूजा अर्चना करते हैं.
भगवान भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि, यदि वो प्रसन्न हो जाएँ तो कल्याण हो जाता है, और यदि रुष्ट हो जाएँ तो विनाशक बन जाते हैं. शंकरजी की पूजा और उपासना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जिस तरह से भगवान शिवजी के ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है, उसी तरह शिवजी के अलग अलग स्वरूपों को भी जगह जगह पूजा जाता है. दुनिया भर में श्रद्धालु भगवान शिव को समर्पित धार्मिक स्थलों पर जाकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. कैलाश मानसरोवर से लेकर अमरनाथ और बद्रीनाथ धाम तक हर जगह भगवान शिवजी का ही स्थान है.
इस पवित्र महीने में लोग खाने पीने का भी विशेष तौर पर ध्यान रखते हैं. क्योंकि इस माह में बरसात का मौसम होता है. और लोग ज्यादातर हल्का और सात्विक भोजन करना ही पसंद करते हैं.