अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा में हिस्सा लिया और भूमिपूजन के साथ ही शिलान्यास भी संपन्न कर दिया. लेकिन सबसे पहले मंदिर परिसर में पहुँचने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रांगण में पारिजात का पौधा भी लगाया. तो ये पारिजात का पौधा क्या है, और क्या होती हैं हैं इसकी खूबियाँ? तो इसके बारे में जानते हैं. दरअसल पारिजात के वृक्ष को हमारे शास्त्रों में बहुत ही पवित्र माना जाता है. इसके फूलों की महक काफी अच्छी होती है. और इसके ज़रिये कई रोगों का इलाज भी किया जाता है. क्योंकि पारिजात में औषधियुक्त गुण होते हैं.
पारिजात को हरसिंगार भी कहा जाता है. इसे कई नामों से जाना जाता है, जिनमें प्राजक्ता, पारिजात, हरसिंगार, शेफालिका, शेफाली, शिउली के तौर पे भी जाना जाता है. पारिजात का वृक्ष भी बहुत सुन्दर होता है. सामान्य तौर पर इसकी ऊँचाई 10 से 15 फीट होती है. लेकिन जब ये अच्छी तरह फलता फूलता है तो कभी कभी इसकी ऊँचाई 25 से 30 फीट तक भी हो जाती है. इसमें बहुत ज्यादा फूल लगते हैं, जो देखने में काफी सुन्दर और खुशबू से महकते हैं.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार धन की देवी माता लक्ष्मी को पारिजात के फूल बहुत प्रिय हैं. और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त पारिजात के पुष्प अर्पित करते हैं. पारिजात के फूलों के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात है. इसके फूल पेड़ से नहीं तोड़े जाते, ऐसा करना वर्जित है. जो फूल टूटकर नीचे गिर जाते हैं, उन्हें ही उपयोग में लाया जाता है.
पारिजात में औषधीय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. और इससे कई रोगों का इलाज किया जाता है. पारिजात की पत्तियों को पीसकर शहद में मिलाकर खाने से सूखी खांसी भी ठीक हो जाती है. और त्वचा से सम्बंधित रोगों को ठीक करने में भी इसका उपयोग किया जाता है.