ये दुनिया एक से बढ़कर एक अजूबों से भरी हुई है. तो वहीँ हमारे देश में भी ऐसी चीज़ों और जगह की कमी नहीं है, जिन्हें देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं. एक से बढ़कर एक किले, ऐतिहासिक स्मारक, महल, और कुदरत की दीं हुई ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि, हम कितने समृद्ध देश में रहते हैं.
आज आपको ऐसी ही एक अनोखी दीवार के बारे में बताएँगे तो चाइना के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और चौड़ी दीवार है.यह दीवार हजारों साल पहले बनाई गई थी. दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार राजस्थान के कुंभलगढ़ जिले में स्थित है. पुरातत्वविदों के अनुसार दीवार का निर्माण 10 वीं और 11 वीं शताब्दी के बीच परमार वंश के राजाओं द्वारा किया गया था. यह दीवार इतनी सुंदर है कि इसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. इस दीवार को दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार माना जाता है. किले की सुरक्षा के लिए दीवार बनाई गई थी. यह दीवार 10-15 फीट चौड़ी है. उसके ऊपर एक साथ 10 घोड़ों तक की सवारी हो सकती है. यह दीवार 80 किलोमीटर लंबी और 15-18 फीट ऊंची है. यह दीवार लाल पत्थर से बनी है.
कुम्भलगढ़ किले की सुरक्षा के लिए बनाई गई इस दीवार को विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है. सन 2013 में, विश्व धरोहर समिति के 37 वें सत्र में, राजस्थान के पांच अन्य किलों के साथ, राजस्थान के पहाड़ी पर्वतों के तहत एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.
किले की दीवारें 38 किमी से अधिक फैली होने के साथ, यह चीन की महान दीवार के बाद दूसरी सबसे लंबी दीवार होने का दावा किया जाता है. यह किला दुनिया के सबसे बड़े दीवार परिसर में से एक है, और चित्तौड़ किले के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा किला है.