एक मंदिर, जिसे देखने के लिए कोई व्हीआईपी अपनी गाड़ी में लाल बत्ती लगाकर नहीं जाता

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले ओरछा में राजाराम मंदिर है. पूरी दुनिया में ये इकलौता ऐसा मंदिर है, जहाँ राम को भगवान के तौर पर नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है. यहाँ राजा राम को सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है. इस सलामी के लिए मध्यप्रदेश पुलिस के जवान तैनात होते हैं, राजाराम को ओरछा के राजा के रूप में मानते हुए उन्हें हर रोज़ पाँचों पहर Guard of honour दिया जाता है, और राजा की तरह ही दिन में पांच बार पुलिस के जवान सलामी शस्त्र भी देते हैं, इस मंदिर में श्रीराम के साथ, सीताजी, लक्ष्मण और हनुमानजी तो विराजमान हैं ही, उसके अलावा यहाँ श्रीराम के परम सखा महाराज सुग्रीव, और उनके मंत्री जामवंत की प्रतिमाएं भी हैं. कहते हैं कि, संवत 1600 में तत्कालीन बुंदेला शासक मधुकर शाह की पत्नी, महारानी गणेशकुंवरि, राजा राम को, अयोध्या से ओरछा लेकर आयीं थीं. ओरछा के इस मंदिर को देखने के लिए कोई भी मंत्री या सरकारी अधिकारी अपनी गाड़ी में लाल बत्ती लगाकर नहीं आता, क्योंकि यहाँ के राजा केवल प्रभु राम हैं.

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कैसे जाते हैं ओरछा?

हवाई मार्ग

मध्यप्रदेश के ग्वालियर और खजुराहो में स्थित हवाई अड्डे ओरछा के लिए सबसे निकटतम हैं, ग्वालियर हवाई अड्डे से ओरछा की दूरी 113 किलोमीटर है, और खजुराहो हवाई अड्डे से इसकी दूरी 155 किलोमीटर है.

रेल मार्ग

ओरछा जाने के लिए झाँसी सबसे नजदीकी और बड़ा रेलवे स्टेशन है, जहाँ से ओरछा की दूरी मात्र 13 किलोमीटर है. हालांकि ओरछा में भी रेलवे स्टेशन है, लेकिन वो काफी छोटा है, इसलिए हर ट्रेन वहां नहीं रूकती है.

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सड़क मार्ग

झांसी, ग्वालियर और खजुराहो जैसी बड़ी जगहों से ओरछा जुड़ा हुआ है, इनमे से किसी भी शहर से टैक्सी या बस द्वारा सड़क मार्ग से आसानी से ओरछा पहुँच सकते हैं.