पूरी दुनिया में इस समय कोरोना का कहर है. ऐसे में ज़्यादातर लोग घर पर रहते हैं, और घर से ही काम या बिज़नेस सम्हालते हैं. आसपास का माहौल देखते हुए काभी इंसान नकारात्मक भी हो जाता है. स्कूल और कॉलेज के छात्र भी अपनी पढ़ाई घर पर बैठकर ही करते हैं. उन्हें भी निराशा का अनुभव होता है, क्योंकि वो अपने दोस्तों से नहीं मिल पा रहे और बाहर नहीं जा पाते, लेकिन पढ़ाई तो हर हाल में ज़रूरी है. और निराशा से भी बचना होता है. और इससे बचना ही जीने की कला है. और ये सब कुछ माइंड गेम है. इंसान के शरीर में एक मशीन होती है, जो कभी नहीं रूकती, लगातार चलती रहती है. और वो है दिमाग नाम की मशीन. दिन भर और रात में भी, और दिन में दिमाग में जो विचार चलते हैं, उसी से मिलती जुलती कहानियां ख्वाब में चलती हैं. कहते हैं, विचार कभी नहीं रुकते, वो लगातार आते रहते हैं, एक के पीछे एक, ये श्रंखला है, जिसका टूटना ज़रूरी होता है, तभी दिमाग को आराम मिलता है. इसलिए दिमाग की मशीन को शांत करने का एक ही तरीका है, और वो है ध्यान. जिन लोगों का मन अशांत रहता है, नकारात्मक विचार बने रहते हैं.
अशांत दिमाग से छात्रों का मन पढ़ाई में नहीं लग पाता है. पढ़ा हुआ याद रहे, इसके लिए जरूरी है एकाग्रता. कभी कभी घर में वास्तु दोषों की वजह से ये समस्याएं हो सकती हैं. और स्थिति कैसी भी हो पर हमें रोज सुबह जल्दी उठने की आदत बनानी चाहिए. जल्दी उठें और कुछ देर मेडिटेशन जरूर करें. अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. मेडिटेशन और मंत्र जाप करने से नकारात्मक विचार खत्म होते हैं और सकारात्मकता बढ़ती है.
इसके अलावा घर में टूटी हुई चीज़ें, खराब इलेक्ट्रोनिक सामान, बंद घडी ये सब भी नहीं रखना चाहिए, इससे हर में नकारात्मक माहौल बनता है. जिन चीज़ों की आवश्यकता नहीं है, उनसे मोह नहीं करना चाहिए. और हमेशा अच्छा साहित्य, अच्छी बातें और और अच्छे विचारों के आस पास ही रहना चाहिए.