आज का दिन जितना भव्य रहा उसकी कोई मिसाल ही नहीं है, राम भक्तों की जीवन भर की तपस्या आज सफल हो गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने स्वयं ये बात कही कि, टेंट और टाट के घर से निकलकर आज श्रीराम अपने घर में पहुँच गए.
आज सुबह से ही अयोध्या नगरी राममय हो गयी थी, लोग नाच रहे थे, भजन गा रहे थे, साधु संत महंत सब बेहद खुश थे, ऐसा लग रहा था, जैसे रामराज्य ऐसा ही था. और सच में ऐसा ही रहा होगा. एक तरफ लड्डू बन रहे थे, तो एक तरफ लोग नाच रहे थे, तो वहीँ भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपने भजनों के माध्यम से भक्ति के इस माहौल को और भी राममय कर दिया था. ऐसा लग रहा था, जैसे सारे त्यौहार एक साथ आ गए हों, दिवाली की खुशियाँ भी दिख रहीं थी, होली का उत्साह भी दिख रहा था, दशहरे जैसा विजय उत्सव भी दिख रहा था. हर इंसान बस राम धुन में रमा था, रामजी जो धरती पर नारायण के अवतार थे, मानवजाति का उद्दार करने के लिए आये थे, मानव जीवन में मर्यादा का पालन कैसे किया जाता है ये बताने आये थे, और एक राजा होकर भी संत की तरह कैसे जिया जाता है, ये भी समझाने आये थे.
आज हमारे उन्ही प्रभु राम के मदिर निर्माण के पहले चरण का उत्सव था, वैसे तो अयोध्या में ऐसा माहौल काफी दिनों से था, पूरा नगर ऐसे सजाया गया था जैसे अयोध्या में उस समय उत्सव हुआ था, जब श्रीराम वनवास से लौटे थे, ये श्रीराम का महापर्व था, जो सदियों से चल रहा है, युगों से चल रहा है, और अनंतकाल तक यूँ ही चलता रहेगा. और अयोध्या की तरह ये उत्सव हर राम भक्त के ह्रदय में सदैव चलता रहेगा.
वहीं बात करें पीएम मोदी की माता हिराबेन जी की तो उन्होंने भी अपने पुत्र नरेंद्र मोदी को टीवी के जरिए भूमि पूजन करते हुए देखा .. और आज वे बेहद खूश भी होंगी.. हों भी क्यों ना, आखिरकार उन्होंने वह कर दिखाया जो कई सालों से और कोई न कर पाया.