आज यानि 20 जुलाई मंगलवार के दिन देवशयनी एकादशी है। देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष एकादशी पर ये व्रत किया जाता है। पुराणों में कहा गया है कि इस तिथि से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। यही कारण है कि इस दिन से शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं, और चातुर्मास का आरंभ हो जाता है।
देवशयनी एकादशी की व्रत कथा को पढ़ने व सुनने से मनोकामना पूरी होने की है मान्यता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी के दिन व्रत नियमों का पालन करने के साथ ही व्रत कथा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी का पाठ करने या सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आज देवशयनी एकादशी के ही साथ देव सो जाएंगे और फिर 14 नवंबर से देवोत्थान एकादशी के दिन जागेंगे। यह चार महीना योगियों के लिए शुभ माना गया है। इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इन चार महीनों में भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को दे देते हैं और खुद निद्रा के लिए चले जाते हैं।
इसके बाद चार महीने बाद देवोत्थान एकादशी 14 नवंबर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को भगवान विष्णु शयन निद्रा से उठते हैं। भगवान विष्णु की निद्रा टूटने के बाद ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है। अब चार महीने बाद ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम शुरू होंगे।