छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि है आज, मराठी अस्मिता के लिए कर दिया सर्वस्व न्योछावर

भारतवर्ष की महान पुण्यभूमि की मान मर्यादा बनाये रखने के लिए इस धरती पर कई ऐसे महान सपूतों ने जन्म लिया, जिनका जीवन मानो मातृभूमि के को समर्पित करने के लिए ही बना था. उनका इस देश में जन्म होना हम सबका सौभाग्य था, क्योंकि उनकी बदौलत ही आज हम पूरे मान सम्मान से इस देश में सर उठाकर जी रहे हैं.

 

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देश के ऐसे ही महान वीर सपूतों में से एक थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जिन्होंने मराठा अस्मिता को बचाए रखने के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया. आज के दिन पूरा देश वीर शिवाजी महाराज को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, क्योंकि आज उनकी 341 वी पुण्यतिथि है. सन 1680 में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वर्गवास हुआ था, और उसके बाद उनके बेटे संभाजी महाराज को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया था.

19 फरवरी सन 1630 के दिन वीर शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था. बहुत कम आयु में ही वो एक कुशल योद्धा बन चुके थे. युद्ध कला का हुनर भी उन्होंने इसलिए सीखा क्योंकि, उनकी माता जीजाबाई ने उन्हें बचपन में ही ये बता दिया था, कि उनके ऊपर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, और किसी भी तरह उन्हें मुग़ल शासकों से अपनी आन बान शान की रक्षा करना है. शिवाजी महाराज को ‘गुरिल्ला युद्ध’ का जनक माना जाता था. साल 1670 में मुगलों की सेना के साथ उन्होंने डटकर मुकाबला किया और मुगलों को हराकर सिंहगढ़ के किले पर अपना परचम लहराया था. इसके बाद 1674 में उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी.

अपने बुलंद हौसले से दुश्मन सेना के छक्के छुड़ाने वाले शिवाजी महाराज की वीरता की गाथा से हम सबको हौसला मिलता है. उन्होंने ये बता दिया था, कि इस देश की मिट्टी पर वीरों का जन्म होता है, और मातृभूमि उनके लिए सबसे बढ़कर है. पुण्यतिथि के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज को शत शत नमन.