दुनियां में कुछ भी आज तक ऐसे ही नहीं मिला, जिस तरह इंसान को जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ता है, ऐसे ही राम मंदिर आन्दोलन में कई जीवन एक साथ संघर्ष कर रहे थे, और स्वयं प्रभु राम भी इस संघर्ष का हिस्सा बने रहे. क्योंकि रामलला विराजमान के नाम से वो स्वयं अपना पक्ष अदालत में रख रहे थे. इस आन्दोलन के कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें हम कभी नहीं भूल पायेंगे. जब जब राम मंदिर के इतिहास का ज़िक्र आएगा, ये चेहरे सबसे आगे चमकते हुए दिखाई देंगे. इन सबने अपना जीवन इस आन्दोलन के लिए खपा दिया.
श्रीराम मंदिर आन्दोलन के ऐसे ही एक अग्रज नेता रहे हैं, विनय कटियार. पांच बार सांसद रह चुके इस नेता ने भी अपने जीवन में प्रभु राम के मंदिर को बनाने के लिए सर्वस्व झोंक दिया. बजरंग दल के संस्थापक के रूप में इन्हें पूरा देश ही नहीं बल्कि दुनियांभर के लोग जानते हैं.
विनय कटियार अपने उग्र भाषणों के लिए जाने जाते हैं. उत्तरप्रदेश के फैजाबाद से 3 बार लोकसभा के सांसद और 2 बार राज्यसभा के सांसद रह चुके विनय कटियार अयोध्या के ही रहने वाले हैं और राम जन्मभूमि से थोड़ी ही दूरी पर स्थित कनक भवन के पीछे उनका निवास है.
स्वयं विनय कटियार के अनुसार, ‘राम मंदिर आन्दोलन की शुरुआत उन्होंने ही की थी, और उसके बाद देश और दुनियां के राम भक्त इस आन्दोलन से जुड़ते चले गए. साधू संतों और संगठन से जुड़े वरिष्ठ लोगों का आशीर्वाद भी मिलता गया. और ये आन्दोलन प्रखर होता गया’.
हालांकि अब अयोध्या में श्रीराम मंदिर जन्मभूमि के लिए भूमिपूजन और शिलान्यास का काम संपन्न हो चुका है. बहुत जल्द अब वहां मंदिर निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा. आने वाली पीढियां अपने प्रभु राम को मंदिर में विराजमान देख सकेंगी. लेकिन कुछ चेहरे कभी नहीं भुलाये जा सकते. श्रीराम मंदिर आन्दोलन के साथ इस आन्दोलन के नायकों के नाम भी हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गए हैं.