दिल से होंगे लोकल तभी करेंगे लोकल से प्यार

देश और दुनिया इन दिनों विषम परिस्थतियों से गुज़र रहे हैं. पिछले साल से लगातार शुरू हुई एक महामारी ने लोगों की जीवन शैली को बदलकर रख दिया. लेकिन ये समय भी जल्दी गुज़र जायेगा. इस कठिन समय ने हमें काफी कुछ सिखा दिया. लोग अपने रिश्तों से लेकर आस पास की हर चीज़ की कद्र करना सीख गए. लेकिन जिस तरह कोरोना के मुश्किल टाइम में हमने हर तरह की लोकल चीज़ों को अपनी लाइफ लाइन बनाया, वो वाकई काबिले तारीफ़ है. बस उसी तरह हमें अपने लोकल को अपनी जिंदगी में शामिल करके अपना लाइफ स्टाइल बनाना होगा. और अपने देश में बनी लोकल चीज़ों को पूरी दुनियां में सम्मान दिलाना होगा. इस देश में कई लोग आज भी इम्पोर्टेड चीज़ों की बात करते हुए गर्व फील करते हैं, पर उन्हें भी ये समझ में आ गया है, हमारे देश में बनी हुई चीज़ें बेमिसाल हैं.

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भारत में बने हुए उत्पादों की दुनियांभर में अच्छी खासी डिमांड है, यहाँ तक कि, इस देश के सॉफ्टवेर इंजीनियर्स की भी डिमांड पूरी दुनियां में है. वैदिक काल में योग का जन्म इसी देश में हुआ, और हमारे इसी लोकल योग की आज पूरी दुनियां कायल है. बड़ी बड़ी बीमारियों का इलाज योग के ज़रिये किया जा रहा है, और इसीलिए भारत विश्व भर में योग गुरु बन गया,

लोकल यानी हमारे अपने देश के, अपने लोगों द्वारा बनाये हुए प्रोडक्ट्स और हमारी उपलब्धियां, तो आज हमारे देश के बनाये हुए प्रोडक्ट्स का पूरी दुनिया में बोलबाला है. स्पेस सेंटर से लेकर टेक्नोलॉजी तक, और एजुकेशन और मेडिकल से लेकर उधोग और व्यापार तक आज हर क्षेत्र में भारत के ‘लोकल’ ब्रांड्स की धाक है. अगर हमें इस देश को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है, तो सबसे पहले हमें खुद अपने लोकल ब्रांड्स से प्यार करना है, क्योंकि हम ही इस देश की ताक़त हैं. और मेक इन इंडिया की कामयाबी के लिए खुले दिल से इंडियन बनना बहुत ज़रूरी है. जब हम दिल से लोकल बन जायेंगे तभी तो हम लोकल से प्यार करेंगे.