जीवन चक्र कभी नहीं रुकता, इंसान दौड़ता रहता है हमेशा, और विश्राम मिलता है परमात्मा के दर, ये धरती, अंबर, नदियाँ, समुन्दर, हवा, श्वांस, पेड़ पौधे, हर जगह है श्रीराम, उनके जीवन में अनवरत निरंतरता और कभी नहीं था विश्राम, ऐसे ही तो हैं प्रभु राम.
हम सबका अस्तित्व प्रभु के नाम से ही तो है. जिस तरह श्रीराम का जीवन संघर्ष के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ता गया, और जहाँ जहाँ वो गए, लोगों का कष्ट मिटता रहा. किसी का उद्धार कर रहे थे. तो किसी का संहार, हर तरह से बस उनके हाथों उन सबको मुक्ति मिलती जा रही थी, जो उन्हें किसी न किसी माध्यम से मिले. मनुष्य को सदैव कठिनाई का सामना करने की प्रेरणा देते रहे हैं भगवान राम. और मानव रूप में जन्म लेकर जो संघर्ष उन्होंने किया वो तो मिसाल है. न कभी कदम रुके, और न अपने पथ से डिगे. बस चलते गए. और राजा के बेटे होने बाद भी पथरीले रास्तों पर चलकर जीवन यापन का तरीका बताते गए.
हर कठिनाई में सहजता से जीने का, भगवान राम का धैर्य, उनकी मर्यादा, उनका अनुशासन, उनकी सरलता, और किसी भी विषम परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए उनकी मुस्कान, सारे काम आसान बना देती थी.
प्रभु राम के यही सब आदर्श सदियों से मानवजाति का मार्गदर्शन कर रहे हैं. समय कठिन हो सामने सब कुछ धुंधला हो, और कुछ नहीं सूझ रहा हो, तो बस एक बार सच्चे मन से प्रभु राम का नाम लेकर उन्हें याद किया जाए, तो दूर तक रास्ता साफ़ दिखाई दने लगता है. अपनी काबिलियत पर सबको भरोसा होता है, और उसके साथ प्रभु राम के नाम का भरोसा उस काबिलियत को सफलता के शिखर तक पहुंचा देता है. और कठिन नज़र आने वाला जीवन बिलकुल सरल बन जाता है.