जनेऊ धारण करने से पेट की कई बीमारियों से मिलती है राहत

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार इंसान को अपना जीवन सार्थक बनाने के लिए “16 संस्कारों को जीवन में अपनाना चाहिए”. इन संस्कारों में से दसवा संस्कार उपनयन है जिसे जनेऊ संस्कार भी कहते हैं. मान्यता है कि जनेऊ धारण करने से न सिर्फ भौतिक, बल्कि आध्यात्मिक प्रगति भी होती है. इस संस्कार के माध्यम से छोटे बच्चे को गायत्री मंत्र सिखाया जाता है. फिर जनेऊ धारण कराया जाता है.

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जनेऊ तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहना जाता है. जनेऊ इस तरह धारण कराया जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे. जनेऊ में तीन सूत्र त्रिमूर्ति के प्रतीक होते हैं. उनके नाम इस प्रकार हैं 1. ब्रह्मा, 2. विष्णु और 3.महेश.

जनेऊ धारण करने के फायदे
1. हिंदू धर्म के अनुसार जो व्यक्ति जनेऊ धारण करते हैं, उन्हें टॉयलेट जाते समय जनेऊ को कान पर लपेटना पड़ता है. इससे कान के पास गुजरने वाली नसों पर दबाव पड़ता है, जिसका सीधा संबंध आंतों से होता है. जानकारी के अनुसार, जब नसों पर दबाव पड़ता है तब कब्ज़ की समस्या को दूर होती. पेट साफ होने पर शरीर और मन, दोनों सेहतमंद रहते हैं. लंदन स्थित क्वीन एलिजाबेथ विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के डॉक्टर एस. आर सक्सेना ने भी जनेऊ धारण के लिए इस बात पर समर्थन जताया है.

2. कान के ऊपर जनेऊ बांधने से नसें एक्टिव हो जाती है, खून के प्रवाह में गति बढ़ जाती है. और मान्यता है कि इससे याद्दाश्त भी अच्छी होती है.

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3. शोध में पाया गया है कि जनेऊ पहनने से हृदय रोग और ब्लडप्रेशर से जुड़ी समस्या दूर हो जाती है.

4. जनेऊ धारण करने से संक्रमण से होने वाले रोगो से बचा जा सकता है.