एक रथ जो कर रहा था युद्ध समाप्त होने का इंतज़ार, जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन उतरे तो..

महाभारत के कई किस्से हैं जो बहुत रोचक हैं. उसमें से एक रोचक किस्सा ऐसा है कि भगवान हनुमान जी का ध्वज अगर अर्जुन के रथ पर नहीं होता तो अर्जुन को बहुत परेशानी हो सकती थी. महाभारत में अर्जुन जिस रथ में सवार होकर युद्ध करने गए थे वह बहुत खास था. क्योंकि उस रथ के सारथी स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से भगवान हनुमान जी की आराधना करने के लिए कहा था और अपने रथ के ऊपर भगवान हनुमान जी के ध्वज को स्थापित करने के लिए कहा था. इस बात को सुनकर अर्जुन ने हनुमानजी के निशान वाला ध्वज अपने रथ पर लगाया था.

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अर्जुन का रथ जल गया…
जिस रथ पर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण सवार हों और जिस पर हनुमान जी की कृपा हो भला उस रथ का क्या हो सकता था. लेकिन युद्ध को जीतने के बाद जब अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण रथ से उतरे तब रथ जल गया. गौर करने वाली बात यहां पर यह है कि युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ पर भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और कर्ण जैसे महारथियों ने वार किया. लेकिन फिर भी रथ को कुछ भी नहीं हुआ. और जीत के बाद जब अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण जी रथ से उतरे तो वह रथ जल कर खाक हो गया.

यह देख अर्जुन आर्श्चयचकित हो गए और श्रीकृष्ण से पूछने लगे कि ये रथ जल कैसे गया? इस प्रश्न के जवाब में श्रीकृष्ण ने कहा कि ये रथ तो भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और कर्ण के दिव्यास्त्रों के प्रहार के कारण पहले ही जर्जर हो चुका था. लेकिन इस रथ पर हनुमानजी की कृपा थी और मैं स्वयं इसका सारथी था इसलिए यह रथ मेरे संकल्प से चल रहा था. अब इस रथ का काम पूरा हो चुका है. इसीलिए, मैंने ये रथ छोड़ दिया और ये नष्ट हो गया.

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अर्जुन के रथ की खास बातें
जिस रथ पर सवार हो अर्जुन युद्ध के लिए गए थे उस रथ पर भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी थे. कहा जाता है कि इस रथ के पहियों को स्वयं शेषनाग ने पकड़ रखा था. इसलिए जब बड़े-बड़े महारथी रथ पर प्रहार कर रहे थे तब भी इस रथ को कुछ नहीं हुआ. अर्थात्, अर्जुन के रथ की रक्षा भगवान श्रीकृष्ण, हनुमानजी और शेषनाग कर रहे थे.

युद्ध खत्म होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने पहले अर्जुन से उतरने के लिए कहा. अर्जुन के उतरने के बाद भगवान श्रीकृष्ण रथ से उतरे और फिर वह रथ जल कर खाक हो गया. यहां पर आपके मन में प्रश्न आ सकता है कि भगवान हनुमान जी और शेषनाग का क्या हुआ? इसका जवाब यह है कि अर्जुन के उतरने के बाद शेषनाग पाताल लोक चले गए और हनुमानजी रथ के ऊपर से अंतर्ध्यान हो गए. और फिर भगवान श्री कृष्ण के उतरने के कुछ देर बाद रथ पूरी तरह जल गया.