आज वर्ल्ड कैंसर डे है. पूरी दुनिया में जिस तरह से लगातार कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, वो चिंता का विषय है. इंसान अपनी ही धुन में लगा हुआ है, और ये बीमारी धीरे धीरे अपना दायरा बढ़ा रही है. हम बेशक बहुत तेज़ी से तरक्की की राह पर चल रहे हैं, लेकिन जीवन में बहुत कुछ पीछे छूट रहा है. जीवन शैली से लेकर खान पान तक तक सब कुछ बहुत बिगड़ चुका है. प्रतिद्वंदता इतनी ज्यादा बढ़ गई है, कि हर किसी को एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ है. पर ये नहीं पता कि सब कुछ तभी हो पायेगा, जब शरीर और मन स्वस्थ रहेगा.
पुराने समय से एक कहावत हम सब सुनते आये हैं. ‘पहला सुख है निरोगी काया, दूजा सुख है घर में माया’ तो इंसान की काया निरोगी तभी रहेगी, जब खान पान से लेकर नींद और व्यायाम तक सब कुछ दुरुस्त होगा, नहीं तो पहले छोटी छोटी बीमारियाँ होती हैं, बाद में वही जाकर घातक बीमारियों में तब्दील हो जातीं हैं.
कैंसर के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसके हिसाब से आज इसके प्रति जागरूकता की बहुत ज़रूरत है. ना सिर्फ इस तरह की जीवन शैली विकसित करने के लिए जोर देना होगा जो काफी अच्छी और स्वास्थ्य वर्धक हो, बल्कि यदि किसी को कोई छाला, गाँठ या खांसी जैसी कोई भी बीमारी ज्यादा दिन तक ठीक नहीं हो, तो उसके लिए तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज करना शुरू करना चाहिए. आज हमारे देश में हर वर्ष 15 लाख से अधिक मामले कैंसर के आ रहे हैं. ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही हमारे लिए नुकसानदेह हो सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि, कैंसर के बारे में एक बात ये भी है, कि ज़्यादातर इस तरह के मामले तीसरी या चौथी स्टेज पर सामने आते हैं, ऐसे में इन पर कन्ट्रोल करना काफी मुश्किल है. और यदि ये शुरूआती चरण में कैंसर के लक्षण पता चल जाएँ, तो ये बीमारी लाइलाज नहीं है. इसलिए सेहत का ख़याल रखिये, खुद भी ज़िम्मेदार रहते हुए समाज में जागरूकता फैलाते रहिये.