सनातन धर्म में सूर्यदेव को बहुत पूजनीय माना जाता है. वैसे भी सूर्यदेव इंसान और क़ुदरत की ज़रूरत पूरा करते हैं. हर रात के बाद जब एक नई सुबह आती है तो जीवन जीने जी नयी ऊर्जा सबके लिए लेकर आती है. इन दिनों तो सूर्यदेव की सबको बहुत ज़रूरत है, क्योंकि पूरी दुनिया का तापमान गिरा हुआ है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है. हाल ही में पौष का महीना शुरू हुआ है. इस महीने प्रकृति में बहुत से बदलाव होते हैं जो सबके लिए सकारात्मक होते हैं. बीते वर्ष में पूरे विश्व में कोरोना महामारी ने बहुत तबाही मचाई, धीरे धीरे जीवन पटरी पर लौट रहा है.
पौष मास जीवन जीने की ऊर्जा और आध्यात्मिक स्तर को बढ़ाने का सही समय होता है. कहा जाता है कि इस महीने शुभ कार्य करना अच्छा नहीं होता. लेकिन परमात्मा को पूजा जाता है उनकी आराधना कर बुरे दौर को खत्म करने की इच्छा मांगी जाती है. बड़ी बात यह है कि इस मास में सूर्यदेव की पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है.
पौष महीने की विशेषता
हिंदू पंचांग के अनुसार दसवे महीने को पौष कहा जाता है. इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव प्रबल रहता है. तभी तो इसमें ठंड सबसे ज्यादा होती है. ऐसा माना जाता है कि पौष मास में सूर्यदेव अपने विशेष प्रभाव में रहते हैं. इसलिए कहा जाता है कि इस महीने जो भी व्यक्ति मुख्य रूप से सूर्य देवता की आराधना करता है उसे जीवन में कई सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि इस महीने सूर्य 11 हजार राशियों के साथ व्यक्ति को ऊर्जा और अच्छी सेहत देते हैं.
11 खास व्रत-त्योहार
पौष महीने के कृष्णपक्ष में गणेश चतुर्थी, रुक्मणी अष्टमी, सफला एकादशी, स्वरूप द्वादशी, प्रदोष व्रत, शिव चतुर्दशी, श्राद्ध अमावस्या और उसके अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या रहेगी. इसके बाद शुक्लपक्ष में मकर संक्रांति, विनायकी चतुर्थी, पुत्रदा एकादशी, प्रदोष व्रत और स्नान-दान की पौष पूर्णिमा रहेगी.
इस तरह सूरज की उपासना करना चाहिए
हर दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढाएं, वैसे तो किसी भी पात्र में जल भर कर चढ़ा सकते हैं लेकिन हो सके तो तांबे का पात्र इस्तेमाल करें, और उस पात्र में रोली और फूल डालकर सूर्य को अर्पित करें.
साथ में सूर्य देवता के मंत्र का जाप भी करें ‘ॐ आदित्याय नमः’ और नमक का सेवन कम करें, मुश्किल है पर कुछ पाने के लिए कुछ करना ज़रूरी होता है. ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
ठंड में जल्दी उठना मुश्किल है पर जो लोग रोज सूर्योदय से पहले उठते हैं और सूर्य की पूजा करते हैं उनके सभी क्लेश दूर होते हैं. और तिल, गेहूं, गुड़, ऊनी वस्त्र, तांबे के बर्तन और लाल वस्तुओं का दान करना लाभदायक होता है.