जब पार्वतीजी के साथ नृत्य स्पर्धा में भगवान शिवजी के नटराज स्वरूप की हुई विजय

ये आस्थाओं का देश है, ये भारत है. इस देश के कण कण में देवी देवता बसते हैं. यहां हर नगर, हर गली, में मंदिर की घंटियों की मधुर आवाज़ सुनाई देती है. कुछ मंदिर तो इतने मशहूर हैं कि उनसे पौराणिक कथाएं और किंवदंतियां भी जुड़ी हुई हैं. तमिलनाडु राज्य के चिदंबरम शहर में भगवान शिव का ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है. नटराज मंदिर के नाम से जाने जाने वाले‌ इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है. ग्रंथों के अनुसार दक्षिण भारत का ये मंदिर चिदंबरम मंदिर के नाम से भी मशहूर है. इसकी खास बात ये है, कि ये उन पांच पवित्र शिव मंदिरों में से एक है, जो प्रकृति के पांच महत्वपूर्ण तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है. इस सात मंजिला मंदिर में नौ द्वार और नौ गोपुरम हैं. इन गोपुरों पर मूर्तियों तथा मंदिर के खंभो व पत्थरों पर भरतनाट्यम नृत्य की मुद्राओं को उकेरा गया है, जो मंदिर की भव्यता को बढ़ाता है. इस मंदिर का शिखर सोने से बना हुआ है. दिन के समय जब सूरज की रोशनी मंदिर के शिखर पर पड़ती है तब यह शिखर बहुत चमकता है. इस मंदिर में रखी मूर्तियां कांसे की बनी हैं. मान्यता है कि ये मूर्तियां 10वीं और 12वीं सदी के मध्य के समय के चोल काल की हैं.

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चिदंबरम मंदिर दक्षिण भारत का बहुत ही पुराना व प्रसिद्ध मंदिर है. कहते हैं कि इसी मंदिर में भगवान शिव ने आनंद नृत्य किया था. एक‌ और मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर भगवान श्री गोविंद राजास्वामी रहते थे, और एक बार भगवान शिवजी उनसे मिलने यहां आए थे. उसी दौरान शिवजी व पार्वतीजी के बीच नृत्य प्रतिस्पर्धा हुई जिसके निर्णायक श्री गोविंद राजास्वामी बने. प्रतिस्पर्धा बहुत देर तक चली. शिवजी विजयी होने की युक्ति जानने के लिए श्री गोविंद राजास्वामी के पास गए. उन्होंने एक पैर से उठाई मुद्रा में नृत्य करने का संकेत दिया. यह मुद्रा महिलाओं के लिए वर्जित थी. इस वजह से पार्वतीजी, शिवजी से हार गईं. उसके बाद यहां शिवजी का नटराज स्वरूप स्थापित हो गया.

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नृत्य महोत्सव का होता है आयोजन

इस मंदिर में हर वर्ष नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें पूरे देश से आए हुए कलाकार हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लेते हैं. नटराज शिव की मूर्ति मंदिर की एक अनूठी विशेषता है. नटराज स्वरूप के नृत्य का स्वामी भगवान शिवजी को‌ ही माना जाता है, और इसी वजह से भरतनाट्यम के कलाकारों में भी इस जगह का खास महत्व है.