कहते हैं इस दुनिया में साड़ी लड़ाई बर्चस्व की होती है. सबको अपना वजूद बनाना है, और सबको जो है उतना बचाना है. और यही बात सर ज़मीन, पहाड़, पर्वत और नदियों पर लागू होती है. हर देश अपनी उपलब्धियों को सबसे ज्यादा शिखर पर देखना चाहता है, चाहे फिर वो कुदरती चीज़ों को मामले में हो, या भौतिक. बहरहाल यहाँ हम एक ऐसे पर्वत शिखर की बात कर रहे हैं, जो दुनिया के नक़्शे में भारत के हिस्से में आता है. और ये भरत का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर मन जाता है, जिसकी ऊँचाई समुद्र ताल से 8611 मीटर है. जम्मू और कश्मीर में स्थित माउंट K2, जिसे गॉडविन-ऑस्टिन के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है.
हिमालय पर्वत दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वतों में से एक है और इसमें विश्व के कई उच्चतम शिखर शामिल हैं. माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा और चीन में चोमोलुंगमा और भारत में माउंट K2 या गॉडविन-ऑस्टिन या छगोरी के नाम से जाना जाता है. K2,गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र की उत्तर-पूर्वी सीमा कराकोरम में स्थित है. ब्रिटिश इंडिया के महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षक थॉमस मॉन्टगोमेरी ने लगभग वर्ष 1849 में कराकोरम का पहला सर्वेक्षण किया था और उन्होंने इसे दो सबसे प्रसिद्ध चोटियों K1 और K2 के रूप में नामित किया था.
K2 को सैवेज माउंटेन के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसके पर्वत को मापना बेहद मुश्किल है. K2 की गिनती सबसे खतरनाक पर्वतों में की जाती है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि, इस पर्वत शिखर पर पहुँचने वाले प्रत्येक चार सफल पर्वतारोहियों के बाद एक मौत हो जाती है. K2 के नाम से जाना जाने वाले इस कंचनजंघा 2 पर्वत की ऊंचाई है 8,611 मीटर, ये पर्वत POK में स्थित है.