जैसा कि आप सभी जानते हैं कि COVID-19 ने देश में एक विकट स्थिति पैदा कर दी है और हर जगह हर दिन दुखद समाचार सुनने को मिल रहा है फिर चाहे वह अखबार हो या टीवी हो या सोशल मीडिया. इसी बीच सोशल मीडिया के हवाले से मन को सुकून पहुंचाने वाली कुछ अच्छी खबरें भी सामने आ रहीं है.
बोकारो से 1400km का सफर कर दोस्त को बचाने पहुंचा उनका दोस्त.
झारखंड के बोकारो से 38 वर्षीय देवेंद्र ने अपने COVID पॉजिटिव दोस्त को बचाने के लिए भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ 1,400 किलोमीटर की दूरी मात्र 24 घंटे में तय की. जानकारी के अनुसार उनके दोस्त रंजन नोएडा के अस्पताल में भर्ती हैं और देवेंद्र पेशे से शिक्षक हैं और उनके दोस्त रंजन अग्रवाल दिल्ली की एक आइटी कंपनी में काम करते हैं. इस समय रंजन कोरोना संक्रमित हैं और उनका इलाज चल रहा है. जब रंजन का ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था तब डॉक्टरों ने परिवार से तुरंत ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा, हर संभव प्रयास किया गया लेकिन विफलता ही हाथ लगी. इसी बीच, देवेंद्र को रंजन की स्थिति के बारे में पता चला और वे संकट मोचन हनुमान जी की तरह मदद करने के लिए निकल पड़े.
देवेंद्र ने एक अखबार से बात करते हुए बताया कि बोकारो में ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना आसान नहीं था, यहां तक कि उन्होंने इस्पात शहर में कई ऑक्सीजन संयंत्रों और आपूर्तिकर्ताओं का दौरा किया. लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला रहा था. आगे वे यह भी बताते हैं कि कई लोगों ने ऑक्सीजन के लिए उन्हें खाली सिलेंडर लाने के लिए कहा. फिर, एक आखिरी प्रयास में, देवेंद्र Balidih industrial area में झारखंड स्टील ऑक्सीजन प्लांट के संचालक के पास पहुंचे, जिसके बाद, एक तकनीशियन ने उन्हें Security deposit के लिए कहा तब उन्हें ऑक्सीजन प्राप्त हुआ.
देवेंद्र ने कहा कि भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उन्हें कुल 10,400 रुपये देने पड़े, और उसके बाद ही उन्होंने नोएडा की अपनी लंबी यात्रा शुरू की. इस यात्रा के दौरान उन्हें पुलिस द्वारा दो बार रोका गया, पहली बार बिहार में और फिर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते समय. हालांकि जब उन्होंने अपने दोस्त की दुर्दशा के बारे में बताया तब उन्हें आगे जाने की अनुमति दी गई. वह सोमवार दोपहर नोएडा पहुंचे, तब जाकर उनके दोस्त रंजन को उनकी गंभीर हालत से उबरने में मदद मिली.
अपने दोस्त की हालत के बारे में बताते उन्होंने कहा है, कि उनके दोस्त की हालत अभी स्थिर है. और वे नोएडा में तब तक रहेंगे जब तक उनका दोस्त पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाता.